एक समय चित्तौड़गढ़ मेवाड़ की राजधानी हुआ करती थी, जहां के राजा वीर महाराणा प्रताप थे। चित्तौड़गढ़ को महाराणा प्रताप का गढ़ या जोहर गढ़ भी कहा जाता है।

चित्तौड़गढ़ का किला लगभग मछली के आकार का दिखाई पड़ता है। चित्तौड़गढ़ किले में कुल 65 ऐतिहासिक रचनाएं हैं।

चित्तौड़गढ़ का किला

किले के अंदर बहुत ही ऐतिहासिक और सुंदर इमारते जैसे विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ, रानी पद्मिनी महल, राणा कुंभा महल और मीरा बाई मंदिर स्थित है

       विजय स्तंभ

विजयस्तंभ महाराणा कुंभा ने मोहम्मद खिलजी से अपनी जीत के उपलक्ष्य में बनवाया था। यह स्तंभ इतना विशाल है कि आप इसे शहर के किसी भी कोने से देख सकते हैं।

       कीर्ति स्तंभ

यह स्तंभ 12 वीं शताब्दी में निर्मित स्तंभ है, जो चित्तौड़गढ़ के किले के अंदर स्थित है।

        महा सती

यह स्थान चित्तौड़गढ़ से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यह स्थान बेहद पवित्र माना जाता है क्योंकि इस स्थान पर उदयपुर के शासकों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

   सांवरिया जी मंदिर

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित सांवरिया जी मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिर है। सवारियां जी मंदिर चित्तौड़गढ़ का सबसे फेमस मंदिर है।

 फतेह प्रकाश पैलेस

इस महल का निर्माण महाराणा प्रताप ने करवाया था। यह महल चित्तौड़गढ़ किले के अंदर स्थित है। यह महल काफी बड़ा भव्य और सुंदर संरचना वाला है।

 राणा कुंभा का महल

कहा जाता है कि रानी पद्मिनी और कई महिलाओं ने यहां जौहर किया था। यह महल राणा कुंभा, रानी पद्मिनी रावल कुमार सिंह और मीराबाई जैसे लोगों का निवास स्थान रहा है।

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