विजयवाड़ा एक अत्यंत खूबसूरत और प्राचीन शहर है। यह आंध्र प्रदेश का वाणिज्यिक और महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है। यहां पर प्राचीन काल से ही व्यापार व्यवस्था चली आ रही है।
यह एक अत्यंत प्राचीन बाजार है, जहां दूर-दूर से लोग खरीद-फरोख्त के लिए आते हैं। यहां पर अनेक सारे शासकों ने शासन किया तथा कई बार इस शहर में विजय प्राप्त की थी। इसीलिए इस शहर का नाम विजयवाड़ा रखा गया है, विजयवाड़ा का अर्थ जीत की भूमि होता है।
विजयवाड़ा अपनी खूबसूरती प्राचीनतम तथा वाणिज्य और व्यापार के लिए जाना जाता है। यहां पर हर वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है क्योंकि यहां पर अनेक सारे प्राचीन मंदिर, स्मारक, भवन इत्यादि बने हुए हैं।
विजयवाड़ा वर्तमान समय में भी भारत के प्रमुख व्यापारिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में शामिल है। यह शहर हर दिन तेजी से बढ़ती कर रहा है।
इस लेख में विजयवाड़ा में घूमने की जगह (vijayawada places to visit), विजयवाड़ा कैसे जाएं, विजयवाड़ा कब जाएं आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
विजयवाड़ा के बारे में रोचक तथ्य
- विजयवाड़ा शहर एक अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है। यहां पर प्राचीनतम काल में अनेक सारे शासकों ने राज किया था। विजयवाड़ा पर अपने समय में चालुक्य राजवंशों ने, गजपतियो ने, कृष्णदेव राय के वंशज ने, लगातार कई वर्षों तक शासन किया था। उसके बाद इस जगह पर मुगल आ गए और मुगलों के बाद अंग्रेजों ने अपने कब्जे में ले लिया। अंग्रेजों के बाद देश की आजादी के साथ ही विजयवाड़ा आजाद हो गया और आज एक स्वतंत्र गणराज्य का स्वतंत्र शहर है, जो तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है।
- विजयवाडा आंध्र प्रदेश का हजारों साल पुराना शहर है, जो कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। इस शहर का नाम कनक दुर्गा के नाम पर पड़ा है, जिसे स्थानीय लोग विजया कहते हैं।
- विजयवाड़ा में भगवान मालेश्वर का मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य जी ने यहां पर श्रीचक्र स्थापित किया था।
- विजयवाड़ा मुस्लिम समुदायों के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है। क्योंकि यहां पर पैगंबर मोहम्मद के पवित्र अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- विजयवाड़ा में 12 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले नरसिंह भगवान का विख्यात मंदिर मंगलगिरी के पहाड़ी पर स्थित है।
- विजयवाड़ा बोध और जैन समुदायों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। क्योंकि यहां पर 45 किलोमीटर दूर गंडिवाडा में बौद्ध और जैन धर्म के कई पवित्र अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- विजयवाड़ा अपनी संस्कृति, सभ्यता, प्राचीनता, ऐतिहासिकता, लोगों द्वारा मनाए जाने वाले धार्मिक त्योहार, सांस्कृतिक उत्सव, रसीले आम, व्यंजन, भोजन तथा लोगों की वेशभूषा के अलावा अत्यंत प्राचीनतम और आकर्षक केंद्र खूबसूरत और अद्भुत प्राकृतिक स्थल, प्राचीन इमारतें, मंदिर, भवन तथा यहां का वाणिज्यिक और व्यापारिक केंद्र लोगों में आकर्षक का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। इसलिए हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग यहां का आगमन करते हैं।
विजयवाड़ा में घूमने की जगह (Vijayawada Me Ghumne ki Jagah)
कनक दुर्गा मंदिर
कनक दुर्गा मंदिर विजयवाड़ा का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो भारत की प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। इस पर की गई कलाकृति और नक्काशी अद्भुत ही नहीं बल्कि आकर्षक और आश्चर्यजनक दिखती है।
यह एक अत्यंत प्राचीन वास्तु कला और द्रविडियन शैली का बेहतरीन नमूना देखने को मिलता है। कृष्णा नदी के किनारे पर स्थितियां दुर्गा मंदिर अत्यंत प्राचीन और विशाल दिखाई देता है। यहां पर हर वर्ष दुनियाभर के लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
देशभर के श्रद्धालु यहां पर आते रहते हैं। यह प्राचीन मंदिर चारों तरफ से खूबसूरत और ऊंची ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसीलिए इसका नजारा देखने में काफी ज्यादा लाजवाब लगता है।
यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इस मंदिर का नजारा सुबह और शाम के समय किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता है।
उनादल्ली गुफाएं
यह अत्यंत प्राचीन गुफा है, जिसे ५वी शताब्दी की बताई जा रही है। यह जगह खास तौर पर इतिहास से जुड़े हुए लोग या इतिहास को मानने वाले लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
यहां पर प्रकृति प्रेमियों का भी जमावड़ा लगा रहता है। यह एक अत्यंत खूबसूरत गुफा है, इसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। इस गुफा की डिजाइन और इसका आकर्षक पर्यटकों का मन मोह लेता है।
आसपास हरे जंगल और घास के मैदानों की वजह से इसका नजारा काफी शानदार लगता है। इस गुफा के पीछे कृष्णा नदी बहती है, जो प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करवाती है।
इस गुफा में ऐतिहासिक मानव निर्मित आकर्षक और अद्भुत सुंदरता का मिश्रण देखने को मिलता है।
कोंडापल्ली किला
यह एक अत्यंत प्राचीन किला है, जो विजयवाड़ा की शान है। कोठापल्ली किला विजयवाड़ा के गुंटूर जिले के गुड़ापल्ली गांव में स्थित है।
यह एक अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक किला है, जिसे देखने के लिए देशभर के पर्यटक आते हैं। यह विजयवाड़ा की शान के तौर पर देखा जाता है। यहां पर लोग अपने मित्र और परिवार के साथ घूमने के लिए आते हैं।
यह गांव की खूबसूरती के लिए जाना जाता है और इस गांव की खूबसूरती को यह ऐतिहासिक और विशाल किला चार चांद लगा देता है।
इस किले में हिंदू संस्कृति और प्राचीन सभ्यता का बेहतरीन नमूना देखने को मिलता है। इस किले की बनावट अत्यंत आकर्षक और खूबसूरत लगती है।
इस किले का निर्माण 14वीं शताब्दी के दौरान करवाया गया था। यह एक अत्यंत विशाल प्राचीन किला है। यहां पर व्यापार का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। लोगों के मनोरंजन का प्रमुख केंद्र हुआ करता था तथा बातचीत का भी एक बड़ा केंद्र उपलब्ध है।
सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर
सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर विजयवाड़ा के पहाड़ियों पर स्थित है। यह एक अत्यंत प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है, जिसके दर्शन हेतु देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु पर्यटकों के रूप में आते हैं।
यह मंदिर भगवान कार्तिकेय को समर्पित है, जिसे नागों के देवता कहा जाता है। विजयवाड़ा की इंद्रकीलदरी पहाड़ियों के तट पर या मंदिर स्थित है।
इस मंदिर के पास में ही कुमार धारा नदी बहती है। इस नदी में स्नान करने के बाद ही लोग मंदिर में प्रवेश करते हैं। यह एक अत्यंत पवित्र नदी है, जिसमें डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु खुद को पवित्र महसूस करते हैं।
यहां पर हर दिन देवी देवताओं की पूजा की जाती है। यह एक अत्यंत प्राचीन और लोकप्रिय मंदिर है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। यह मंदिर पहाड़ियों पर स्थित होने की वजह से अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है।
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अक्कन्ना और मदन्ना गुफाएं
अक्कन्ना और मदन्ना गुफाएं विजयवाड़ा में स्थित पर्यटन की दृष्टि से एक लोकप्रिय स्थान है। यह गुफाएं विजयवाड़ा के रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर इंद्रकीलाद्री नामक पर्वत पर स्थित है।
यहां पर मौजूद समान आकार के इन किलाओ का निर्माण अन्ना और मदन्ना के द्वारा किया गया था, जो गोलकुंडा के नवाब कुली कुतुब शाह के मंत्री हुआ करते थे। इन गुफाओं का निर्माण 6वीं या सातवीं शताब्दी के दौरान किया गया था।
सिबर डिज्नीलैंड
विजयवाड़ा में स्थित सिबर डिज्नीलैंड बच्चों के लिए एक मनोरंजन पार्क है। यह विजयवाड़ा शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
विजयवाड़ा की यात्रा के दौरान यहां पर आप अपने परिवार और बच्चों के साथ खूबसूरत पलों का आनंद ले सकते हैं। यहां पर मनोरंजन के लिए कई तरह के सवारी का लुफ्त उठा सकते हैं।
भवानी द्वीप
कृष्णा नदी के तट पर स्थित भवानी दीप विजयवाड़ा के सभी द्वीपों में सबसे बड़ा दीप है। यहां पर लोग कई दिनों तक छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं और यहां पर मौज मस्ती करते हैं।
यह जगह प्रकृति का सौंदर्य लेने हेतु, खुली सांस लेने हेतु, कुछ समय व्यतीत करने हेतु तथा मौज मस्ती करने हेतु बेहतरीन विकल्प है। यहां पर देश-विदेश के अनेक सारे लोग आते हैं।
भवानी दीप वॉटर स्लाइड के लिए एक उत्तम स्थान है, यहां पर लोग फैमिली के साथ में आते हैं, बच्चे वोटर स्टडिंग करते हैं और फैमिली के लोग बीच के किनारे बैठकर प्रकृति का लुफ्त उठाते हैं।
यहां पर आने वाले पर्यटक मनमोहित हो जाते हैं, क्योंकि यहां पर बच्चों के खेलने के साथ-साथ पर्यटकों के भी मनोरंजन के अनेक सारे स्थल हैं।
मोगलाराजपुरम गुफाएं
विजयवाड़ा मे स्थिति यह गुफाएं अब खंडहर बन चुकी है। लेकिन इन्होंने अपने अंदर कई शताब्दियों का इतिहास और समय काल छुपाया हुआ है।
इस खंडहर हुई गुफाओं को देखने के लिए अनेक सारे पर्यटक आते हैं। यह गुफाएं देश की प्राचीन संस्कृति सभ्यता और इतिहास के किस्से सुनाती है।
यहां पर मंदिर और गुफाएं भी बनी हुई है। खंडहर होने के बावजूद यह गुफाएं विजयवाड़ा की विरासत का अहम हिस्सा है। क्योंकि इस गुफा को 5वीं शताब्दी की बताई जा रही है।
यहां पर देवी दुर्गा माता का मंदिर है। भगवान नटराज और श्री गणेश की मूर्तियां भी विराजमान है। इसकी खूबसूरती पर्यटकों का मन मोह लेती है। यहां पर हर वर्ष पर्यटकों के साथ साथ लाखों श्रद्धालु भी आते हैं।
अमरावती
अमरावती एक अत्यंत खूबसूरत और आकर्षक शहर है, जो आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। अमरावती को भगवान का निवास भी कहा जाता है।
क्योंकि यहां पर अत्यंत प्राचीन और आधुनिक मंदिर बने हुए हैं, जहां पर अनेक प्रकार के देवी देवता विराजमान है। हर दिन सुबह शाम यहां पर पूजा की जाती है।
हर रोज पूजा में हजारों लोग शामिल होते हैं, इसीलिए अमरावती को भगवान का निवास कहा जाता है। यह एक ऐसा तीर्थ स्थल है, यहां पर हर वर्ष पर्यटकों और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
यहां पर स्थित मंदिरों पर की गई कलाकृतियां और नक्काशी का कार्य प्राचीन इतिहास और हिंदू संस्कृति का बेजोड़ नमूना है।
गुटूर जिले में कृष्णा नदी के तट पर स्थित एक सुंदर और आकर्षक शहर है। यह बौद्ध धर्म के लोगों के लिए प्रचलित है। क्योंकि यहां पर एक महान बौद्ध स्तूप स्थित है।
इस अत्यंत प्राचीन और विशालकाय बौद्ध स्तूप की स्थापना महान सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल में करवाया था।
इसीलिए बौद्ध धर्म के लोगों के लिए यह स्थल अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस शहर में भारत की प्राचीन प्रमुख वास्तु कला और कला शैलियों को देखा जा सकता है।
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चंदावरम
बौद्ध समुदाय के लोग या बौद्ध धर्म में रुचि रखने वाले लोगों के लिए विजयवाड़ा में एक प्रसिद्ध घूमने लायक स्थान चंदावरम है। यह जगह सिंगारकोंडा नामक एक पहाड़ी पर स्थित है।
यह स्थान विजयवाड़ा से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस पहाड़ पर खूबसूरत वास्तुशिल्प के जरिए एक स्तूप बनाया गया है। इसके अतिरिक्त यहां पर कई विहार, चैतृयगृह और अन्य छोटे स्तूप स्थित है।
राजीव गांधी पार्क
अगर आप अपने परिवार और बच्चों के साथ विजयवाड़ा घूमने जाते हैं तो शहर के भीड़भाड़ से दूर प्रकृति के खूबसूरत हरे भरे वातावरण में अच्छा समय बिताने के लिए यह एक आदर्श स्थान है।
राजीव गांधी पार्क विजयवाड़ा में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। इस पार्क में कई प्राचीन काल की मूर्तियां भी है और म्यूजिकल फाउंटेन भी है।
विक्टोरिया संग्रहालय
प्राचीन वस्तुएं और प्राचीन संस्कृति में रुचि रखने वाले लोगों के लिए जा संग्रहालय एक उत्तम विकल्प हो सकता है, क्योंकि इस संग्रहालय में अनेक सारी ऐतिहासिक प्राकृतिक और सांस्कृतिक वस्तुएं रखी हुई है।
अनेक सारे उपकरण रखे हुए है, छोटी बड़ी वस्तुएं रखी हुई है, जो प्राचीन काल की है हमारे अतीत की है।
हमारे देश के इतिहास की है, जो इस बात को साबित करती है कि हमारा देश काफी समृद्ध था। काफी अच्छा था और किस तरह की संस्कृति सभ्यता हुआ करते थे, किस तरह की वस्तुएं वह करती थी, किस तरह के लोग लोग हुआ करते थे, इस बात की जानकारी भी मिलती है।
इस संग्रहालय को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। यह इतिहास का यह ठोस सबूत है।
मशहूर सेंट मैरी चर्च
विजयवाड़ा में स्थित मशहूर सेंट मैरी चर्च ईसाई धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थान है। यहां पर एक ऊंची पहाड़ी की चोटी पर आयरन का क्रॉस बना हुआ है।
चर्च के अंदर उसके आसपास का वातावरण बहुत ही शांतिपूर्ण है, जिसके लिए पर्यटक यहां पर शांति की खोज में आते हैं। हर साल यहां पर लेडी ऑफ लूर्डेस का वार्षिक उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
लेनिन की मूर्ति
विजयवाड़ा में लेनिन की मूर्ति भी एक देखने लायक स्थान है। लेनिन रूसी साम्यवादी क्रांतिकारी और राजनीतिज्ञ था। बैल्वेविक क्रांति के लिए इन्हें जाना जाता है।
विजयवाड़ा में 1980 के दशक में इनकी प्रतिमा यहां पर स्थापित की गई थी। हर साल 1 मई को विश्व श्रमिक दिवस के दिन यहां पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
हायलैंड
मनोरंजन की दृष्टि से विजयवाड़ा में शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर इस हायलैंड को बनाया गया है। आधुनिक तरीके से बनाए गए इस हायलैंड में बच्चे और बड़े अपना मनोरंजन कर सकते हैं, खेलकूद सकते हैं, मौज मस्ती कर सकते हैं, रहना खाना घूमना फिरना इत्यादि सब कुछ कर सकते हैं।
यहां पर आने वाले पर्यटक काफी आकर्षित होते हैं क्योंकि इस तरह से इसकी डिजाइन और इसकी संरचना बनाई गई है।
यहां पर मानव निर्मित तथा प्राकृतिक नजारा देखने का अद्भुत और आकर्षक दृश्य मिलता है। यहां पर आने वाले पर्यटक काफी खुश नजर आते हैं।
श्री रामलिंगेश्वर स्वामी वर देवस्थानम मंदिर
यह मंदिर अत्यंत प्राचीन और विशालकाय क्षेत्र में फैला हुआ है। यह मंदिर विजयवाड़ा के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के ऊपर स्थित है। यहां पर आसपास में एक तरफ घाटी तो दूसरी तरफ गहरी खाई है।
इस मंदिर के पास से झरने और नदियां बहती है। इसलिए इसका नजारा काफी आकर्षक लगता है। ऊंचे-ऊंचे झरने और पहाड़ी वह मैदानी क्षेत्र का नजारा पर्यटकों का मन मोह लेता है।
इस जगह को महाशिवरात्रि के पर्व पर काफी आकर्षक तरीके से सजाया जाता है। इस जगह पर देशभर के श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
यहां से कृष्णा नदी का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिलता है। अत्यंत ऊंचाई पर होने की वजह से यहां से संपूर्ण शहर का भी दृश्य दिखा जाता है।
मंगलगिरी
मंगलगिरी भारत के प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक है। यह विजयवाड़ा का एक आकर्षक शहर है, जिसे देखने के लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
यहां पर भगवान विष्णु ने स्वयं मंगलगिरी की मृत्यु को प्रकट किया था और देवी लक्ष्मी ने इसी पहाड़ी पर तपस्या की थी, ऐसे लोगों की धारणाएं और मान्यता है।
यह मंगलगिरी क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और प्राकृतिक महत्व के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में जाना जाता है। यहां पर धर्म को मानने वाले ज्यादातर लोग आते हैं क्योंकि धर्म से जुड़ा हुआ इसका अत्यंत प्राचीन इतिहास है।
गांधी स्तूप
विजयवाड़ा में स्थित गांधी स्तूप विजयवाड़ा का एक प्रमुख दर्शनीय स्थान है। यह स्मारक 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो भारत का पहला गांधी स्मारक है। यह स्तूप 52 फुट ऊंचा है।
इस स्मारक का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन के द्वारा अक्टूबर 1968 में किया गया था। गांधी स्तूप के पास यहां पर गांधी मेमोरियल लाइब्रेरी और लाइट एंड साउंड शो प्रमुख आकर्षक चीज है।
प्रकाशम बैराज
अगर आप विजयवाड़ा की खूबसूरती को सही मायने में देखना चाहते हैं तो वह खूबसूरती आपको रात में ही दिखेगी और वह प्रकाशम बैराज के पास। यह ब्रिज 160 खंभों पर टिकी हुई है, जो कृष्णा नदी पर बनी हुई है।
यह पुल कोलकाता और चेन्नई राजमार्ग को जोड़ता है। रात के समय जब पूरा पूल प्रकाश से जगमगा उठता है तो एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न होता है।
अमरावती संग्रहालय
इतिहास और ऐतिहासिकता में रुचि रखने वाले लोगों को एक बार अमरावती संग्रहालय जरूर आना चाहिए। बता दें कि यहां पर इतिहास की अनेक सारी वस्तुएं रखी हुई है, जो खुदाई में मिली थी।
खुदाई में मिले हुए अनेक सारे रहस्यमई अवशेष और विदेशी कलाकृतियां भी इस संग्रहालय में रखी हुई है।
खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की मूर्ति, देवी तारा की मूर्ति इत्यादि अनेक प्रकार की मूर्तियां और वस्तुएं मिली थी, जिसे इस संग्रहालय में सुरक्षित रखी गई है। हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग इन प्राचीन वस्तुओं को देखने के लिए आते हैं।
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विजयवाड़ा घूमने का सबसे अच्छा समय
विजयवाड़ा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय शीत ऋतु का है। विजयवाड़ा आप अक्टूबर से मार्च के महीने में घूमने जा सकते हैं।
गर्मी के समय में भी आप जा सकते हैं। लेकिन उस समय अत्यधिक गर्मी पड़ती है और बारिश की भी संभावना रह सकती है।
विजयवाड़ा का मशहूर स्थानीय भोजन
विजयवाड़ा में अनेक सारे यहां के स्थानीय भोजन उपलब्ध है। इसके अलावा यहां पर उपलब्ध बड़ी बड़ी होटलों में आपको देश भर के सभी व्यंजन खाने के लिए मिल जाते हैं।
यहां के स्थानीय भोजन इस प्रकार है: लस्कोरा अंडालु, बेलाम, सुन्ननल्लल्लू, पप्पू कूर, मिनप्प्पु, रस्कोरा अंडालु, पचड़ी, नेल्लोर चिकन बिरयानी इत्यादि।
विजयवाड़ा कैसे पहुंचे?
विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश में स्थित पर्यटन की दृष्टि से एक लोकप्रिय शहर है। विजयवाड़ा पहुंचने के लिए ट्रेन, सड़क और हवाई तीनों मार्ग उपलब्ध है।
- अगर आप हवाई मार्ग के जरिए विजयवाड़ा पहुंचना चाहते हैं तो विजयवाड़ा से तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर विजयवाड़ा का इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्थित है, जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और यहां के लिए हर दिन नियमित रूप से फ्लाइट उड़ान भरती है।
- विजयवाड़ा के लिए हर दिन आंध्र प्रदेश के सभी विभिन्न शहरों एवं उसके आसपास के पड़ोसी राज्य से बसे रवाना होती है।
- विजयवाड़ा पहुंचने के लिए सस्ता और सुलभ मार्ग ट्रेन मार्ग है। ट्रेन मार के जरिए विजयवाड़ा पहुंचने के लिए यहां पर नजदीकी रेलवे स्टेशन विजयवाड़ा जंक्शन है, जो भारत के सभी प्रमुख शहरों के रेलवे स्टेशन से से जुड़ा हुआ है।
विजयवाड़ा का स्थानीय परिवहन
विजयवाड़ा में मौजूद विभिन्न पर्यटन स्थलों को विजिट करने के लिए आप यहां पर ऑटो, टैक्सी या बस की सवारी ले सकते हैं।
इसके अतिरिक्त चाहे तो आप कोई भी वाहन किराए पर ले सकते हैं, जिसके लिए आपको पहचान पत्र के रूप में कोई भी एक डॉक्यूमेंट जमा करना पड़ सकता है।
FAQ
विजयवाड़ा घूमने हेतु जाने के लिए आप फ्लाइट का चयन कर सकते हैं, रेल के जरिए जा सकते हैं, बस के जरिए जा सकते हैं, खुद की कार लेकर भी जा सकते हैं, वर्तमान समय में भारत काफी ज्यादा विकास कर रहा है। इसलिए आपको विजयवाड़ा जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। आप अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी विकल्प का चयन करके जा सकते हैं।
फ्लाइट से विजयवाड़ा पहुंचने के लिए आपको अपने शहर के हवाई अड्डे से विजयवाड़ा को जाने वाली फ्लाइट में टिकट लेकर यात्रा करनी होगी, आप विजयवाड़ा पहुंच जाएंगे।
रेल के जरिए विजयवाड़ा जाने के लिए, आपको अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से विजयवाड़ा को जाने वाली रेल की जानकारी लेकर टिकट लेकर उसमें यात्रा करनी है। आपको विजयवाड़ा पहुंचा दिया जाएगा।
वर्तमान समय में भारत में सड़कों का जाल बिछाया हुआ है, इसलिए आप अपने शहर से बस के द्वारा भी विजयवाड़ा जा सकते हैं।
निष्कर्ष
विजयवाड़ा एक अत्यंत प्राचीन और खूबसूरत शहर है। इसीलिए यहां पर हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं।
इस लेख में विजयवाड़ा में घूमने की जगह (vijayawada tourist places), विजयवाड़ा कैसे जाएं, विजयवाड़ा कब जाएं आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई यह विजयवाड़ा में घूमने की जगह (vijayawada me ghumne ki jagah) और इससे जुडी जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा उपयोगी साबित हुई होगी। यदि आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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