10+ त्रिपुरा में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

Tripura Me Ghumne ki Jagah: त्रिपुरा पर्यटकों की दृष्टि से घूमने हेतु आकर्षक का प्रमुख केंद्र है। यहां पर हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। त्रिपुरा में ऊंची-ऊंची पहाड़ियां, झरने, विशाल जंगल, पठारी मैदान, घास के मैदान तथा शीतल जल की बहती नदियां और तालाब प्रकृति का बेहतरीन नमूना है।‌

यहां पर आने वाले पर्यटक मनमोहित हो जाते हैं। भारत में प्राकृतिक रूप से पर्यटकों की दृष्टि का केंद्र त्रिपुरा ही है। ऊंची-ऊंची पहाड़ियां पर स्थित भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य पर्यटकों की दृष्टि से अत्यंत सुंदर औरसुगम स्थल है। यहां पर आने वाले पर्यटक खुश हो जाते है। 

Tripura Me Ghumne ki Jagah
Image: Tripura Me Ghumne ki Jagah

हर वर्ष यहां पर लाखों की संख्या में दूरदराज से पर्यटक आते हैं। यहां पर मुख्य तौर पर घने जंगल, विशालकाय पहाड़िया, ऊंची ऊंची चोटियां, शांति से बहने वाले झरने, नदियां, तालाब तथा ऐतिहासिक भवन और महल भी बने हुए हैं। बता दें कि यह एक अत्यंत प्राचीन राज्य है जिसका अपना एक इतिहास है।

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त्रिपुरा में घूमने की जगह | Tripura Me Ghumne ki Jagah

त्रिपुरा के बारे में रोचक तथ्य

  • अब अगर हमने त्रिपुरा जाने का मन बना लिया है, तो एक नजर त्रिपुरा के इतिहास पर भी डाल देते हैं। बता दें कि त्रिपुरा भारत का एक गणराज्य है, जो भारत के उत्तर पूर्वी हिस्सों में ऊंचे ऊंचे हिमालय पर स्थित है।
  • त्रिपुरा का इतिहास करीब 1300 ईसवी के आसपास मिलता है। जब यहां पर मंगोलियाई क्षेत्र के माणिक्य वंश के शासक ने यहां पर शासन किया था, उसके बाद 17वीं शताब्दी में यह राज्य मुगलों के अधीन हो गया।
  • मुगलों के बाद अंग्रेजों ने यहां पर अपने पैर जमा लिए तथा व्यापार के नाम पर त्रिपुरा को लूटना शुरू कर दिया। माणिक्य शासकों ने त्रिपुरा पर कई वर्षों तक शासन किया जो देश की आजादी के साथ ही खत्म हो गया।
  • त्रिपुरा पर माणिक्य शासकों ने अपने शासनकाल में अनेक सारे प्राचीन और ऐतिहासिक भवन, इमारतें, महल, गढ़, किले, दुर्ग हवेलियां इत्यादि का निर्माण करवाया, जो आज भी सुरक्षित इतिहास को अपने अंदर संजोए खड़े हैं। इन्हें देखने के लिए दूरदराज से पर्यटक आते हैं, जो पर्यटकों की दृष्टि से आकर्षक का प्रमुख केंद्र है।

त्रिपुरा में लोकप्रिय पर्यटक स्थल ( Tripura Tourist Places in Hindi)

उज्जयंत पैलेस

उज्जयंत पैलेस एक ऐसा खूबसूरत भवन है, जो अनेक वर्षों के इतिहास को अपने अंदर संजोय खड़ा है। इस पैलेस का निर्माण 1901 में करवाया गया था। इस पैलेस के निर्माण में विशेष तरह की टाइलों का इस्तेमाल किया गया है, इसके निर्माण में खास किस्म के घुमावदार लकड़ी का उपयोग करके छत बनाई गई हैं। दीवारों पर अद्भुत और आकर्षक निकासी की गई है। इस पैलेस के दरवाजे अत्यंत सुंदर हैं, इस बड़े भवन में सिहासन कक्ष, दरबार हॉल, चीनी कक्ष, पुस्तकालय, स्वागत कक्ष, मुख्य दरवाजा इत्यादि स्थित है।

बता दें कि त्रिपुरा विधानसभा की बैठक के रूप में वर्ष 2011 तक उपयोग में लिया जाता था‌ यहां पर बना हुआ पुस्तकालय और संग्रहालय दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। छोटी नदी के किनारे पर बसा हुआ यह पैलेस अत्यंत खूबसूरत नजर आता है।

Ujjayanta Palace
Image: Ujjayanta Palace

इसके आसपास मुगलों द्वारा बगीचे लगाए गए हैं, जो आकर्षक का प्रमुख केंद्र है। यहां पर अनेक प्रकार के प्राचीन मंदिर है, जिनमें हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। लगभग 28 हेक्टेयर भूमि पर फैले हुए इस आकर्षक पैलेस का नजारा देखने लायक है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पैलेस का नाम “उज्जयंत पैलेस” रविंद्र नाथ टैगोर ने रखा था। यह पूरा पैलेस भवन लगभग 800 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। यहां पर अनेक सारे रीति रिवाज, कला संस्कृति, धार्मिक प्रथाएं, परंपराएं, नक्काशी, कलाकृतियां इत्यादि देखने को मिलती है। इस पैलेस को त्रिपुरा की शाही सरकार ने वर्ष 1972 में खरीद लिया था, जो वर्तमान समय में पर्यटकों के लिए आकर्षक का प्रमुख केंद्र है।

जगन्नाथ मंदिर

त्रिपुरा में भगवान जगन्नाथ के मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं क्योंकि आते तो प्राचीन और आकर्षक मंदिर हैं, जिसे देखने के लिए दूरदराज से पर्यटक आते हैं। इसके साथ ही देश भर के कोने-कोने से भगवान जगन्नाथ के श्रद्धालु भी आते हैं।

The Jagannath Temple
Image: The Jagannath Temple

यह मंदिर हिंदू शैली से बना हुआ है। इस मंदिर की दीवारों पर भगवान कृष्ण की कलाकृतियां अंकित है। यह मंदिर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थित है।

त्रिपुरा सुंदरी मंदिर

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से तकरीबन 55 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह एक अत्यंत प्राचीन और सुंदर महल है। इसीलिए इसका नाम “त्रिपुरा सुंदरी मंदिर” रखा गया है। इसे देखने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं। यह खूबसूरती के साथ-साथ एक आस्था का भी केंद्र है।

अगर हम बात करें इसकी भव्यता के बारे में तो या मंदिर 51 शक्ति पीठ में से एक है, जिसका निर्माण आज से लगभग 500 वर्ष पूर्व करवाया गया था। यह मंदिर त्रिपुरा के उदयपुर जिले में स्थित है।

Sundari Temple
Image: Sundari Temple

इस मंदिर को ऐतिहासिकता के साथ-साथ सुंदरता के लिए भी जाना जाता है, क्योंकि इसके ऊपर की गई अद्भुत नक्काशी और कलाकृतियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां पर भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र को सति माता ने 51 टुकड़ों में काट दिया था।

बता दें कि यहां पर सती माता का अंगूठा भी कट कर गिरा हुआ है। इस मंदिर का निर्माण सन 1501 ईसवी में करवाया गया था। यह काली माता का एक भव्य और दिव्य मंदिर है।‌ यहां पर दीपावली के समय दीपों का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस मंदिर पर तीर्थयात्री जानवरों की बलि चढ़ाते हैं। यह मंदिर अपनी सुंदरता के लिए आकर्षक का प्रमुख केंद्र है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती है।

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सिपाहीजला वन्यजीव अभयारण्य

यह एक वन्य जीव अभ्यारण है, जिसे देखने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं। क्योंकि पहाड़ियों व झरणों के बीच स्थित वन्य जीव अभ्यारण में अनेक सारी पशु पक्षी और वन्य जीव मौजूद हैं, जो पर्यटकों का मनोरंजन करवाते है।‌

sipahijola wildlife sanctuary
Image: Sipahijola Wildlife Sanctuary

इस उद्यान में पशु पक्षियों के अलावा वनस्पति उद्यान वन्य जीवन है। यहां पर लगभग 150 से अधिक प्रजाति की कॉफी पाई जाती है। यहां पर प्रवासी पक्षियों का भी अड्डा बना हुआ है। यहां पर अवाशीय पक्षी का भी बसेरा है।

नीरमहल

नीर महल को “द लेक पैलेस ऑफ त्रिपुरा” नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि आप उपमहाद्वीप में सबसे बड़ा महल है। यह शाही महल त्रिपुरा के तत्कालीन राजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर ने बनाया था।‌ यह महल शाही परिवार के लिए गर्मियों के समय रहने का ठिकाना था। वर्तमान समय में यह महल पर्यटकों की दृष्टि से घूमने का स्थान है।

Neermahal
Image: Neermahal

यहां पर हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं, नीर महल की अद्भुत नक्काशी और कलाकृतियां लोगों का मन मोह लेती है। यहां पर की गई अद्भुत कलाकृतियां, खूबसूरत दरवाजे, अद्भुत और आकर्षक नजारा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

यह पैलेस अपनी खूबसूरती के लिए देश भर में जाना जाता है‌। शाम के समय यहां पर लाइट और साउंड का शो भी किया जाता है। यहां पर अनेक सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां का नजारा देखने में अद्भुत और आकर्षक लगता है।

हेरिटेज पार्क

त्रिपुरा में स्थित यह हेरिटेज पार्क अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां पर पत्थर और लकड़ी से बनी हुई अद्भुत कलाकृतियां दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

Heritage Park
Image: Heritage Park

यहां पर खासतौर से सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। इस बार की हरियाली का आनंद लेने के लिए लोग कई दिनों का सफर तय करके आते हैं।‌ यह पार्क 4 हेक्टेयर की भूमि पर फैला हुआ है।

कैलाशहर

कैलाशहर वर्तमान समय में त्रिपुरा के राजधानी अगरतला के पास में स्थित है, जो प्राचीन काल में त्रिपुरा की राजधानी हुआ करता था। यह शहर वर्तमान समय में पलटा गांव का स्थल बना हुआ है।

Kailashahar
Image: Kailashahar

यहां पर अनेक सारे ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल मौजूद है, जो लोगों का मन मोह लेते हैं। यहां पर अनेक सारे प्राचीन मंदिर, स्मारक, भवन बने हुए हैं। यहां से प्रकृति का बेहतरीन दृश्य देखा जा सकता है।

बुद्ध मंदिर

इतिहासकारों के अनुसार यहां पर प्राचीन काल में बौद्ध धर्म के लोग निवास करते थे, यहां पर बौद्ध धर्म के शासक ही राज करते थे। बता दें कि यहां पर बौद्ध मंदिर बना हुआ है, जो अत्यंत प्राचीन है।

Buddha temple
Image: Buddha temple

वर्तमान समय में इस मंदिर की देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग कर रहा है। इस मंदिर की संस्कृति त्रिपुरा की संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं।

उनाकोटी

उनाकोटी यह एक प्राचीन धरोहर है, जो अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत आते हैं। यह अत्यधिक खूबसूरत कलाकृतियां की वजह से जानी जाती है। यह एक लोकप्रिय और पुरातात्विक धरोहर है, जिसे देखने के लिए देशभर से लोग आते हैं। इस प्राचीन तीर्थ स्थल का निर्माण सातवीं शताब्दी के दौरान करवाया गया था।

Unakoti Rock Carvings
Image: Unakoti

यहां पर पर्यटक तथा लोग आस्था से आते हैं। यहां पर भगवान शिव का मंदिर बना हुआ है, जिसमें भगवान राम, कृष्ण, हनुमान और गणेश की भी मूर्तियां लगी हुई है। यह अत्यंत खूबसूरत और एक प्राचीन भवन है, जो पर्यटकों का मन मोह लेता है।

त्रिपुरा राज्य संग्रहालय

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला शहर के बीच में स्थित त्रिपुरा राज्य संग्रहालय पर्यटकों की दृष्टि से आकर्षक का प्रमुख केंद्र है। बता दें कि इस संग्रहालय में त्रिपुरा के इतिहास से जुड़ी हुई वस्तुएं रखी हुई है, जो त्रिपुरा के इतिहास की व्याख्या करती है।

Tripura-State-Museum
Image: Tripura State Museum

त्रिपुरा के गौरवशाली इतिहास का वर्णन करती है, यहां पुरानी हस्तशिल्प वस्तुएं रखी हुई है। बौद्ध धर्म की मूर्तियां रखी हुई है। अनेक साले नमूने रखे हुए हैं, जो त्रिपुरा के गौरवशाली इतिहास के कहानी बयां करते हैं।

बाइसन राष्ट्रीय उद्यान

यहां पर स्थित राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों की सूची में शामिल है। यह 31.63 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर अनेक सारे वन्य जीव रहते हैं।

Bison National Park
Image: Bison National Park

इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना शिकारियों से वन्यजीवों को बचाने के लिए की थी। वर्तमान समय में इसे देखने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं।

त्रिपुरा का प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन

यदि आप त्रिपुरा घूमने के लिए जा रहे हैं और इस बात से परेशान हो रहे हैं, कि वहां पर खाने के लिए क्या मिलेगा? तो हम आपको बता दें कि वहां पर खाने के लिए अनेक सारे व्यंजन और भोजन उपलब्ध हैं, जिन्हें खाकर आप अपना पेट भर सकते हैं। यहां पर स्थानीय और प्रसिद्ध भोजन उपलब्ध है जो अपने नाम से जाने जाते हैं।

त्रिपुरा का लोकल “स्ट्रीट फूड” काफी ज्यादा मशहूर है, जिसे खाने के लिए दूरदराज से लोग आते है। यहां पर स्वस्थ तथा प्राकृतिक रूप से अनेक सारे लोकल फूड मिल जाते हैं, जिसमें विशेष तरह के सुगंधित और जड़ी-बूटियों के मसालों का प्रयोग किया जाता है। जिन का स्वाद वास्तव में लाजवाब होता है।

यहां पर मुख्य तौर पर मिलने वाले भोजन बरम, बांस शूट अचार, बंगी चावल, मछली स्टॉज, इन सभी लोकल भोजन के अलावा यहां पर आपको बड़ी बड़ी होटलों में जाएंगे इस भोजन मसालेदार बंगाली भोजन साउथ इंडियन पॉलिटी राजस्थानी इत्यादि संपूर्ण भारत में मिलने वाले सभी बड़ी बड़ी होटलों में देखने को मिल जाएंगे।

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त्रिपुरा में रुकने की जगह

यदि आप त्रिपुरा में घूमने के लिए जा रहे हैं आपने पक्का प्लान बना लिया है, लेकिन आप इस बात से चिंतित हैं कि त्रिपुरा में आप कहां पर रुकेंगे? रहने की क्या व्यवस्था है?

तो हम आपको बता दें, कि वहां पर हर जगह प्रत्येक पर्यटक स्थल के पास बड़ी बड़ी होटल मौजूद है। जहां पर आप अपनी सुविधानुसार रुक सकते हैं। यहां पर फाइव स्टार होटल तथा अनेक सारी लग्जरी होटल उपलब्ध है। इसके अलावा कम बजट की और सामान्य होटल में भी उपलब्ध है।

त्रिपुरा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

अब तक यदि आपने त्रिपुरा घूमने जाने का प्लान बना लिया है और आप यह जानना चाहते हैं कि त्रिपुरा की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है? तो हम आपको बता दें कि सर्दियों के मौसम में अक्टूबर से फरवरी के बीच में कभी भी घूमने जा सकते हैं क्योंकि इस समय त्रिपुरा का वातावरण अनुकूलित रहता है।

आपको बारिश की ऋतु में त्रिपुरा जाने से बचना चाहिए। क्योंकि उस समय यहां पर अत्यंत बरसात होती है, जो खतरे का निशान है।

त्रिपुरा घूमने के लिए कैसे जाएं?

त्रिपुरा में यदि आप घूमने के लिए जाना चाहते हैं, तो आपके पास तीन चार विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें से किसी का भी चयन कर सकते हैं। त्रिपुरा घूमने जाने के लिए आप फ्लाइट, बस, रेल या अपनी पर्सनल गाड़ी का चयन कर सकते हैं।

आप अपनी सुविधा अनुसार और अपने बजट के अनुसार फ्लाइट में जा सकते हैं, रेल में जा सकते हैं, बस के द्वारा जा सकते हैं या फिर आपके पास कोई गाड़ी है, तो आप अपनी खुद की गाड़ी लेकर भी जा सकते हैं।

FAQ

त्रिपुरा भारत के किस क्षेत्र में स्थित है?

त्रिपुरा राज्य भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है।

त्रिपुरा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय कौन-सा है?

त्रिपुरा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय शीत ऋतु है।

त्रिपुरा घूमने कैसे जाएं?

घूमने के लिए फ्लाइट से, बस से, रेल से तथा खुद की गाड़ी से जा सकते हैं।

त्रिपुरा में पर्यटकों के रुकने की क्या व्यवस्था है?

त्रिपुरा राज्य में पर्यटन की दृष्टि से रुकने की उत्तम व्यवस्था है, वहां पर अनेक सारी छोटी बड़ी होटल्स बनी हुई है जहां पर लटक रुक सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको त्रिपुरा में घूमने की जगह (Tripura Me Ghumne ki Jagah) के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बताई है। हम उम्मीद करते हैं कि आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया है, तो कमेंट करके इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय जरूर दें।

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