Ranthambore Me Ghumne Ki Jagah: भारत के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में राजस्थान टूरिज्म एक अलग ही महत्व रखता है।राजस्थान में भी घूमने के लिए बहुत सी जगह है, जिनमें से रणथंभौर एक ऐसी जगह है, जहां आप प्रकृति से संबंधित बहुत सुंदर-सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
साथ ही यदि आप वाइल्डलाइफ प्रेमी है तो यह जगह आपके लिए जन्नत साबित होगी। यदि आप ऐतिहासिक स्थानों को देखना चाहते हैं तो इस लिहाज से भी रणथंभौर एक बहुत ही सुंदर जगह है।
पूरे राजस्थान और रणथंभौर में घूमने के लिए ऐसी बहुत सी जगह है, जहां आप एक बार घूमने के बाद बार-बार जाना पसंद करेंगे। विशेषकर रणथंभौर की वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और नेशनल पार्क। यदि आप वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर है या आपको वाइल्डलाइफ सफारी पसंद है रणथंभौर आपके लिए एक बहुत ही प्यारा एक्सपीरियंस होगा।
आज अपने इस आर्टिकल में रणथंभौर की कुछ विशेष जगहों (places to visit in ranthambore) के बारे में बताएंगे। तो आइए बिना समय गवाएं इस आर्टिकल को पढ़ते हैं और रणथंभौर में घूमने की जगह (Ranthambore Tourist Places in Hindi) और उनसे संबंधित सारी जानकारी को विस्तार से जानते हैं।
रणथंभौर के बारे में रोचक तथ्य
- रणथंभौर में त्रिनेत्र गणेश मंदिर स्थित है, जहां भगवान गणेश अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान है।
- रणथंभौर के किले में जल का एक अज्ञात स्रोत है, जिसे गुप्त गंगा भी कहा जाता है।
- रणथम्भौर के दुर्ग को विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था।
- सन 1558 में मुगल सम्राट अकबर ने रणथंभौर के किले पर कब्जा प्राप्त कर लिया उसके बाद अठारवीं शताब्दी के मध्य तक यह किला मुगलों के अधीन ही रहा था। लेकिन, फिर बाद में मराठों ने इस किले पर कब्जा करने की कोशिश की। जिसके बाद उस समय के राजा सवाई माधव सिंह ने अपने समय के मुगल सम्राट को रणथंभौर देने का अनुरोध किया और फिर 1763 में सवाई माधव सिंह ने एक गढ़वाल शहर का निर्माण किया जिसका नाम सवाई माधवपुर रखा गया, जहां पर रणथंभौर का किला स्थित है।
- रानी कर्मावती ने जोहर करने के पहले यहां एक छतरी बनवाई थी, जोकि पूरी ना बन पाने के कारण आज रानी कर्मावती की अधूरी छतरी के नाम से प्रसिद्ध है।
- रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में एक झील है, जो कि इस उद्यान की सबसे बड़ी झील है, इसका नाम पद्मा झील है।
रणथंभौर में घूमने की जगह (Ranthambore Me Ghumne ki Jagah)
यदि आप रणथंभौर घूमने निकले हैं तो यह यात्रा आपके लिए बहुत ही रोमांचक साबित होने वाली है। आइए हम आपको रणथंभौर की कुछ बहुत ही मनमोहक जगहों के बारे में विस्तार से यहां बताते हैं ताकि आप जब यहां की यात्रा पर जाएं तो इनका भरपूर आनंद ले सकें।
दस्तकार रणथंभौर
यदि आप रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान घूमने आते हैं तो यहां पर आपको एक चीज बहुत ही आकर्षित करेंगी वह है दस्तकार रणथंभौर की यात्रा। यहां पर महिलाएं स्वयं अपने हाथों से रंग बिरंगे उनको से बहुत सुंदर सुंदर बैग बनाती है।
यह एक महिला स्वयं सहायता पहल है, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक बैग के वर्चस्व को कम करना है ताकि प्लास्टिक बैग से उत्पन्न कचरे को कम किया जा सके और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।
यहां की औरतें अपने कला के बलबूते बहुत ही सुंदर आकार और आकर्षक पैटर्न में रंग-बिरंगे बैग बनाती है, जो आपको बहुत ही किफायती दर पर उपलब्ध कराते हैं। यदि आप यहां पर आते हैं तो निश्चित ही आप इन बैगों को खरीदने से अपने आप को रोक नहीं पाएंगे।
बता दे इस स्वयं सहायता समूह की स्थापना 1989 में हुई थी। इनके द्वारा बनाया जाने वाला बैग यहां की स्थानीय लोगों के अतिरिक्त पर्यटकों में भी काफी ज्यादा मांग रहती हैं। आपको यहां पर डिजाइन की विस्तृत श्रृंखला को चयन करने का अवसर मिलेगा। यहां की यात्रा की याद के रूप में आप इनसे अपने मनपसंद बैग खरीद सकते हैं।
कला के रणथंभौर स्कूल
यदि आप रणथंभौर में प्रचलित कला के बारे में जानने की रुचि रखते हैं तो आप रणथंभौर की यात्रा के दौरान रणथंभौर स्कूल ऑफ आर्ट को जरुर विजिट करें। यहां पर आपको स्कूल के आसपास के गांवों के कलाकार और स्कूल के छात्र द्वारा सुंदर सुंदर कलाकृति देखने को मिलेगी।
यहां पर आपको कई प्रकार के दुर्लभ वन्य जीव और उनकी प्रजातियों के चित्र देखने को मिलेंगे। यहां के स्कूल के छात्र प्राकृतिक जैव विविधता के संरक्षण के अपने विचारों को फैलाने के लिए राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करते हैं। स्कूल में वाटर कलर पेंटिंग, चारकोल, रेशम पर पोस्टर कलर पेंटिंग और ब्लैक एंड व्हाइट स्केच भी हैं।
इन सुंदर तस्वीरों और कलाकृतियों का प्रदर्शन रखा जाता है, जिसके माध्यम से पर्यटकों के बीच यहां के वन्यजीवों की जानकारी पहुंचाई जाती हैं। यह स्कूल ऑफ आर्ट सवाई माधोपुर जंक्शन से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
त्रिनेत्र गणेश मन्दिर
रणथंभौर के खूबसूरत किले के भीतर स्थापित गणेश भगवान का मंदिर, जिसमें भगवान गणेश की तीन नेत्रों वाली प्रतिमा उनके पूरे परिवार के साथ स्थापित है।
ऐसी मान्यता है कि जब राजा हमीर युद्ध संबंधी और खाद्यान्न संबंधी समस्याओं से घिरे हुए थे तब एक रात भगवान गणेश ने उनके सपने में आकर उन्हें समस्याएं खत्म होने का आश्वासन दिया था।
इसके साथ ही अगली सुबह युद्ध समाप्त हो गया और खाद्यान्न की समस्या भी खत्म हो गई। इसी उपलक्ष में राजा हमीर ने रणथंभौर के किले में भगवान गणेश का यह मंदिर बनवाया। यह मंदिर सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है।
महिला शिल्प का गांव
रणथंभौर के इस शिल्प गांव में आपको राजस्थानी परंपरा के पारंपरिक शिल्प, सुंदर और आकर्षक कलाकृतियां जैसे कि आभूषण, पोशाक और कई चीजें देखने को मिलेगी। यहाँ सभी कलाकृति यहां की महिलाओं के द्वारा किया जाता है, जिन्हें रंगो के बारे में बहुत ही जानकारी है।
यदि आपको कला संबंधित जानकारी लेने की रुचि है तो फिर रणथंभौर के इस शिल्प गांव में जरूर आए। यहां पर आप कारीगरों के काम के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं, उनसे विभिन्न प्रकार की कला और हस्तकला से संबंधित जानकारी ले सकते हैं।
साथ ही उनकी कलाकृतियों को यहां की यात्रा की याद के रूप में उनसे उचित दाम पर खरीद सकते हैं। इस गांव का दौरा यकीन मानिए आपके लिए बहुत ही रोमांचित साबित हो सकता है।
राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य
रणथंभौर के यात्रा के दौरान राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभ्यारण को विजिट करना बिल्कुल भी ना भूले। यह अभ्यारण अविश्वसनीय स्थानों में से एक है, जो प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र से भरा हुआ है।
इस अभ्यारण में चंबल नदी के लहरों को देख सकते हैं, उसमें बोट राइडिंग का आनंद उठा सकते हैं। यहां पर आप सफारी का आनंद ले सकते हैं, मगरमच्छ को देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त यहां पर आप अन्य कई अद्भुत पक्षी को भी देख सकते हैं।
आप यहां की सुंदरता को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। इस अभ्यारण में कोई भी पर्यटक सुबह 5:00 बजे से शाम के 7:00 बजे तक आ सकता है। यह अभ्यारण रणथंभौर से मात्र 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह भी पढ़े: 10+ राजस्थान में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
रणथम्भौर का किला
सवाई माधोपुर के पास रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के समीप स्थित रणथंभौर का किला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। पुराने समय में राजा महाराजा यहां के आसपास के क्षेत्र में शिकार किया करते थे। इसीलिए यहां के आसपास के क्षेत्र में जीव जंतुओं की कई प्रजातियां देखी जा सकती है।
यह किला अत्यंत प्राचीन और अद्भुत है। रणथंभौर टूरिज्म की लिस्ट में सबसे ऊपर इसी किले का नाम आता है। भगवान गणेश का त्रिनेत्र मंदिर भी इसी किले में स्थापित है।
विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के कारण भी इसका महत्व है। यहां किले के आसपास विभिन्न प्रकार की घाटियां भी है, आप इसे एक पिकनिक स्पॉट के रूप में भी देख सकते हैं।
जोगी महल
रणथंभौर के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक जोगी महल यह महल पद्म झील के ठीक बगल में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में जयपुर राजघराने के राजा महाराजा यहां शिकार खेलने आते थे। उसके बाद यह महल पर्यटकों के रुकने का स्थान बना और वर्तमान में यह राजस्थानी वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है।
इस महल में स्थित एक बहुत विशाल बरगद का पेड़ है, जो कि देश के सबसे पुराने और बड़े बरगद के पेड़ों में से एक है। जोगी महल के बाहर झील और हरी भरी हरियाली आप का मन मोह लेगी।
मलिक तलाओ
यदि आप रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान घूमने के लिए जाते हैं तो मलिक तालाब को घूमने जरूर जाए। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के 3 झिलों में से यह सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र है और रणथंभौर में घूमने लायक स्थानों में से एक माना जाता है।
यह तालाब हरे-भरे विशाल जंगल के बीच स्थित है, जो हजारों प्रवासी पक्षियों और मगरमच्छों के लिए एक आश्रय स्थल है। झील को देखने के लिए यहां पर सुबह और शाम अलग-अलग दो समय पर पर्यटक को के लिए खुलती है।
यहां पर आप अलग-अलग प्रकार के पंछियों को भी पानी पीते और भोजन पकड़ते हुए देख सकते हैं। यहां का हरा भरा वातावरण और नजारे आपके आंखों को खूब लुभाएगा।
राज बाग तालाब
राज बाग तालाब रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में स्थित अत्यंत मनोरम स्थान है। विशाल जंगल और ठंडी हवा आपको इस जगह के सफारी के दौरान बहुत अच्छा अनुभव देगी। दुर्लभ प्रकार के कई प्रजातियों के पक्षी जानवर इस झील के आसपास सुबह और शाम के समय आते हैं।
यहां पर आप सांभर नामक जानवर को देख सकते हैं। यह जानवर आपको इस तालाब के आसपास बहुत आसानी से दिख जाएगा। जो इस तालाब के तल पर मौजूद घास को खाने के लिए आता है उसके पीठ पर एग्रेट्स जैसी पंछियों को भी बैठे देख सकते हैं।
इस तालाब के एक ओर पहाड़ है तो दूसरी ओर प्राचीन खंडहर और हरे भरे पेड़-पौधे यहां की सुंदरता को और ज्यादा बढ़ा देते हैं। यदि आप गर्मियों के मौसम में यहां पर आते हैं तो आप रॉयल बंगाल टाइगर को भी देख पाएंगे, जो गर्मियों के दौरान यहां पर अपनी प्यास बुझाने के लिए आते हैं।
रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान (Ranthambore National Park Resort)
रणथंभौर नेशनल पार्क अरावली और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है। यहां से थार का रेगिस्तान नजदीक है। इस नेशनल पार्क में बाघ, जंगली सूअर, हाइना, सांभर, हिरण जैसी कई जीव जंतुओं की प्रजातियां पाई जाती हैं।
यदि आप एक एनिमल लवर है तो आपकी घूमने के लिए यह एक बहुत अच्छी जगह है। इस नेशनल पार्क में पक्षियों की 260 से अधिक प्रजातियां उपलब्ध है। आप यहां जीप सफारी का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
यह भी पढ़े: 10+ अजमेर में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
सूरवाल झील
यदि आप जीप सफारी से थक गए हो और शांति से कुछ समय प्रकृति के साथ बिताना चाहते है तो सरवाल झील एक बहुत ही अच्छा ऑप्शन है।
यह झील राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है, यहां पर आप विभिन्न प्रकार के पक्षियों की प्रजातियों का जमावड़ा देख सकते हैं। हालांकि ये झील गर्मियों के समय सूख जाती है। इसीलिए यहां घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून और सर्दियों का है।
पद्म झील
यदि आप रणथंभौर घूमने निकले हैं और पदम झील नहीं देखी तो आपका रणथंभौर भ्रमण अधूरा माना जाएगा। यह झील रणथंभौर वाइल्डलाइफ सेंचुरी की सबसे बड़ी झील है और यहां के जीव जंतुओं के लिए पानी का सबसे बड़ा स्रोत है। झील का नजारा आप का मन मोह लेगा।
काचिदा घाटी
कचिदा घाटी एक शांत घाटी है, जोकि नेशनल पार्क के बाहर की तरफ स्थित है। इस घाटी से पहाड़ बहुत नीचे दिखाई देते हैं। घाटी के आसपास बहुत से जिले हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं।
इस घाटी में आप विभिन्न प्रकार की जीव जंतुओं और अंडे की वनस्पतियों की प्रजातियों को देख सकते हैं। यहां पर पाई जाने वाली पौधों और जंतुओं की प्रजातियों में विविधता यहां की संपूर्ण जलवायु की वजह से है।
राजीव गांधी राष्ट्रीय संग्रहालय
रणथंभौर का प्राकृतिक संग्रहालय, जो कि भारत के प्राकृतिक संग्रहालय एवं ऐसे चौथे नंबर पर आता है। भारत के पश्चिमी क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न, दुर्लभ पौधों और जंतुओं और भूविज्ञान की प्रदर्शनी इस म्यूजियम के ग्राउंड फ्लोर पर लगी होती है।
यह तीन मंजिला इमारत है लेकिन पर्यटकों की पहुंच केवल ग्राउंड फ्लोर तक ही है। यदि आप पश्चिमी क्षेत्र के प्राकृतिक महत्व को समझना चाहते हैं तो यहां जरूर विजिट करें।
जैतसिंह की छतरी
यदि आप रणथंभौर जाते हैं तो वहां पर जैत सिंह की छतरी को देखना ना भूले, जो यहां के आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। इस छतरी को हमीर चौहान ने अपने पिता के मृत्यु के पश्चात बनाया था।
पिता के समाधि पर लाल पत्थरों से यह छतरी बनाया गया है, जो 50 फीट ऊंची है और 32 स्तंभों पर स्थित है। इस छतरी में काले और भूरे रंग से निर्मित एक शिवलिंग भी स्थित है। माना जाता है इसी छतरी में बैठकर हमीर देव न्याय करता था, जिस कारण इस छतरी को न्याय की छतरी भी कहा जाता है।
इस छतरी के पास आपको मेवाड़ के महाराणा सांगा की रानी कर्मावती द्वारा निर्मित अधूरी छतरी भी देखने को मिलेगा। हालांकि यह छतरी अधूरी है लेकिन देखने लायक है।
यह भी पढ़े: 10+ माउंट आबू में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
रणथंभौर के आसपास घूमने लायक जगह (Places To Visit Near Ranthambore)
- पदम् तलाओ
- सुरवाल झील और मलिक तलाओ
- राज बाग़ तालाब
- रणथम्भौर किला
- जोगी महल
- लकरदा और अनंतपुर
- अकौला क्षेत्र
- बकुला क्षेत्र
- बादल महल
- त्रिनेत्र गणेश मन्दिर
- रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान
- काचिदा घाटी
- राजीव गांधी राष्ट्रीय संग्रहालय
रणथंभौर में लोकप्रिय स्थानीय भोजन
यदि आप राजस्थान घूमने निकले हैं और यहां के स्वादिष्ट व्यंजन नहीं सके तो आपका राजस्थान भ्रमण अधूरा रहेगा। यहां के कुछ स्थानीय व्यंजनों के स्वाद का मजा कुछ और ही है।
पूरे राजस्थान में आपको यहाँ की फेमस खाने की चीज़ें मिल ही जाएंगी जैसे कि दाल बाटी चूरमा, बाजरे की रोटी, लहसुन की चटनी, राजस्थान की कढ़ी, पंचमेल की सब्ज़ी, मिर्ची वड़ा, आचार, कचौडी, गट्टे की सब्ज़ी, खिचड़ी, कढ़ी, मिल्क केक, गुलाब जामुन, घेवर, फिणी, गजक इत्यादि।
इसके साथ साथ आप दाल बाटी, सेव भुजिया, सांगरी, लपसी, बालूशाही, पंचकूट, गोंदी, झाजरिया, हल्दी का साग, पिटोर की सब्ज़ी, मावा मालपुआ, दाल की पूरी आदि को भी एक बार जरूर खाएं।
रणथंभौर में कहाँ रुके? (Best Places To Stay in Ranthambore)
यदि आप राजस्थान, जैसलमेर, जयपुर, रणथंभौर इन सब की यात्रा पर निकले हैं तो राजस्थान में और जयपुर में ऐसे बहुत से होटल रिसॉर्ट उपलब्ध है, जहां आप रुक सकते हैं। राजस्थान की संस्कृति को करीब से देखने के लिए आप यहां स्थित महलों में भी रुक सकते हैं।
कुछ रिसॉर्ट और महलों की बालकनी से राजस्थान की खूबसूरती का आनंद लिया जा सकता है। साथ ही यदि आप अपना बजट लिमिटेड लेकर चल रहे हो तो आप किसी चारपाई वाले एक रूम को लेकर शेयर कर सकते हैं।
यदि आप सिर्फ़ रणथंभौर घूमना चाहते हैं और इसे वहां रुक कर देखना चाहते हैं तो आप इस के सबसे नजदीक जयपुर में ऐसे बहुत से होटल और पैलेस मौजूद है जहां आप रुक सकते हैं।
रणथंभौर जाने के लिए सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Ranthambore)
यदि आप रणथंभौर घूमने का विचार बना रहे हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा समय होगा नवंबर से फरवरी का। इस समय मौसम हल्का होता है, जोकि रणथंभौर के किले वाइल्डलाइफ सफारी इत्यादि के लिए काफी अच्छा होता है।
रणथंभौर कैसे पहुँचे?
रणथंभौर सवाई माधोपुर जिले में आता है। यहां पहुंचने के लिए आपको बहुत से साधन उपलब्ध हो जाएंगे जैसे कि आप रेल मार्ग द्वारा सड़क और हवाई मार्ग द्वारा भी यात्रा तय कर सकते हैं।
सड़क मार्ग– रणथंभौर पहुंचने के लिए आपको पूरे भारत में कहीं से भी बस सुविधा प्राप्त हो जाएगी। सभी जगह से रणथंभौर सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है, जिसकी मदद से आप अपने खुद के वाहन द्वारा भी यात्रा कर सकते हैं।
रेल मार्ग – सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन बहुत बड़ा जंक्शन है। आप ट्रेन के माध्यम से भी इस स्टेशन पर पहुंच सकते हैं और इस स्टेशन से आप किसी टैक्सिया कैब की सहायता से रणथंभौर घूम सकते हैं। उत्तर भारत से दक्षिण भारत की यात्रा में रणथंभौर का सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
हवाई मार्ग– रणथंभौर के सबसे पास स्थित हवाई अड्डा है जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा। फ्लाइट से यहां उतरने के बाद आप जयपुर से बस या कार द्वारा रणथंभौर की यात्रा कर सकते हैं।
रणथंभौर कैसे घूमे?
यदि आप राजस्थान की यात्रा पर निकले हैं और यदि आप रणथंभौर की यात्रा पर निकले हैं तो जयपुर से रणथंभौर की यात्रा किसी टैक्सी, कार, कैब इत्यादि के द्वारा कर सकते हैं।
रणथंभौर जाने पर कितना खर्चा होगा?
यदि आप पूरे राजस्थान भ्रमण पर निकले हैं तो प्रति व्यक्ति खर्चा लगभग 10000 से 12000 मान कर चलिए और बाकी आपके रुकने की जगह, आपके अपने वाहन और बजट पर निर्भर करता है और यदि आप कुछ सामान खरीद कर ले जाना चाहे तो आप अपना बजट बढ़ा सकते हैं।
रणथंभौर जाने पर साथ में क्या रखें?
किसी भी जगह की यात्रा पर निकलने से पहले सबसे जरूरी चीज है पैसा। आप पर्याप्त पैसा लेकर चले, इसके साथ ही कुछ कपड़े, थोड़ा बहुत खाने पीने का सामान और इमरजेंसी के लिए फर्स्ट एड बॉक्स और कुछ नॉर्मल सी दवाइयां भी साथ रखकर ले जाएं। यात्रा के दौरान मनमोहक दृश्य को यादों के तौर पर सजाने के लिए अपने साथ कैमरा जरूर ले जाएं।
FAQ
रणथम्भौर राजस्थान में जयपुर से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
रणथम्भौर पहुँचने के लिए यदि आप ट्रेन से जाते हैं तो यहाँ स्थित सवाई माधोपुर रेल्वे स्टेशन पहुँचे, उसके बाद कैब या टैक्सी से आप रणथंभौर पहुँच सकते हैं।
जयपुर पहुँच कर आप अपने वाहन, कार से या फिर टैक्सी की मदद से घूम सकते हैं। लेकिन टैक्सी करने से पहले टैक्सी के किराए की अच्छे से जांच पड़ताल कर ले ताकि बाद में आपको अधिक पैसा ना देना पड़े।
रणथम्भौर घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम सर्दियों का है।
रणथंभौर में घूमने के लिए रणथंभौर का किला, जोगी महल, सरवाल झील, त्रिनेत्र गणेश मंदिर, राजीव गांधी क्षेत्रीय संग्रहालय, कचिदा घाटी, पद्म तालाब, मलिक तालाब, राज बाग तालाब, राजबाग खंडहर, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, बादल महल, रानी कर्मावती की अधूरी छतरी, रनिहार तालाब और 84 खंभों की छतरी जैसी बहुत अच्छी और बहुत सारी घूमने लायक जगह है।
यदि आप केवल रणथंभौर की यात्रा पर निकले हैं तो यहां पर स्थित किसी होटल लॉज या फिर पैलेस में भी रुक सकते हैं और यदि आप पूरे राजस्थान की यात्रा पर निकले हैं तो आप रणथंभौर जाने के पहले जयपुर में रुक सकते हैं।
वैसे तो रणथंभौर घूमने के लिए आपको अपेक्षाकृत कम खर्चा लगेगा। लेकिन यदि आप पूरे राजस्थान भ्रमण पर निकले हैं और साथ ही रणथंभौर भी घूमना चाहते हैं। तब प्रति व्यक्ति खर्चा लगभग ₹10000 से ₹12000 तक जा सकता है और निर्भर करता है कि आप कहां रहते हैं, यात्रा के लिये आपका अपना वाहन है या नहीं।
यदि आप अपने बच्चों के साथ रणथंभौर घूमने के लिए जा रहे हैं तो वहां की यात्रा के दौरान वाइल्ड ड्रैगन एडवेंचर पार्क जरूर जाए, जो आपको और आपके बच्चों को वहां पर खूब मनोरंजन करने का मौका देगा। वहां पर आपके बच्चे विभिन्न एडवेंचर में भाग ले सकते हैं। यंहा ज़ोरबिंग, ऑल-टेरेन व्हीकल राइड्स जैसी गतिविधियो मैं आपका बच्चा शामिल हो सकता है। इसके साथ ही यहां पर हॉरर हाउस भी है, जो भले ही थोड़ा भयानक है लेकिन काफी मजेदार अनुभव आपको दे सकता है।
रणथंभौर में घूमने के लिए तो वैसे बहुत सारी जगह है। लेकिन अपने दोस्तों के साथ रणथंभौर जा रहे हैं तो आप राजबाग खंडहर देखना ना भूलें, जो राज बाग तालाब और पदम तालाब के बीच में स्थित है। राज बाग के खंडहर अपने आंतरिक भाग, गुम्बदों, मेहराबों, सीढ़ियों और बाहरी घरों के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके अतिरिक्त आप वाइल्ड ड्रैगन एडवेंचर पार्क विजिट कर सकते हैं, जो आपको एक आदर्श अनुभव दे सकता है। इसके साथ ही रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में जीप सफारी आपको एक रोमांचित अनुभव दे सकता है, जिसका आनंद अपने दोस्तों के साथ मिलकर ले सकते हैं।
रणथंभौर बाघों के लिए ही प्रसिद्ध है। यहां पर आ कर दिया बाघ सफारी का लुफ्त नहीं उठा सकते तो फिर आपकी यात्रा का कोई महत्व नहीं। यहां बाघ सफारी करना साहसिक गतिविधियों में से एक है। यहां पर सफारी के दौरान आपके साथ गाइड भी रहता है, जिससे आपको डरने की कोई जरूरत नहीं होती। इसके साथ ही आपको उनके निर्देशों का सख्ती से पालन भी करना होता है। आपको वाहन से बाहर नहीं निकलना होता है। गाइड के निर्देशों में रणथंभौर में बाघ सफारी बिल्कुल सुरक्षित है।
रणथंभौर दुर्ग का निर्माण राजा सज्जन वीर सिंह नागिल ने करवाया था और उसके बाद से उनके कई उत्तराधिकारियों ने भी समय-समय पर इस किले के निर्माण की दिशा में योगदान दिया। लेकिन इस किले के निर्माण में राव हम्मीर देव चौहान की भूमिका प्रमुख मानी जाती है।
रणथंभौर की यात्रा के दौरान आपको बहुत सी गतिविधियों का आनंद लेने का मौका मिल सकता है। यहां पर आप रणथंभौर के किले तक चढ़ाई कर सकते हैं, बाघों की सफारी का आनंद ले सकते हैं, चंबल नदी में बोटिंग राइडिंग का भी आनंद ले सकते हैं और काचिदा घाटी का भ्रमण और कला के रणथंभौर विद्यालयों का भ्रमण कर सकते हैं।
रणथंभौर
निष्कर्ष
रणथंभौर और राजस्थान की यात्रा और उससे जुड़ी महत्वपूर्ण सभी बातों की जानकारी अब तक आपको इस लेख से पता लग गई होगी।
इस आर्टिकल में हमने आपको रणथंभौर में घूमने की जगह (Ranthambore Me Ghumne ki Jagah) रणथम्भौर घूमने की कुछ विशेष जगह, साथ ही उन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य, खाने पीने की प्रसिद्ध चीजें, वहां रुकने के लिए स्थान, जाने के लिए सबसे अच्छा समय और पहुंचने का माध्यम इत्यादि चीजों पर विस्तार से चर्चा की है।
आशा है आप को इस आर्टिकल में रणथम्भौर घूमने की पर्याप्त जानकारी मिल गई होगी। इस लेख को आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
यह भी पढ़े
15+ चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
10+ जोधपुर में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल