Bikaner Me Ghumne ki Jagah: राजस्थान जहां पर विदेशों से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। राजस्थान के हर जिले में अलग-अलग प्रकार के कई पर्यटक स्थल बने हुए हैं, जो देखने लायक है। बीकानेर जिले में कई ऐसे पर्यटक स्थल है, जहां पर प्रतिवर्ष लाखों की तादाद में पर्यटक स्थल घूमने के लिए आते हैं।
बीकानेर को राजस्थान के त्रिकोणी पर्यटक स्थल का एक मुख्य हिस्सा माना जाता है। बीकानेर एक ऐसा शहर है, जिसे उसके शानदार इतिहास, संस्कृति और पुरानी सभ्यता की वजह से जाना जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बीकानेर में घूमने की जगह के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ कर आप बीकानेर में घूमने से संबंधित हर तरह के बातों को समझ पाएंगे। इसमें हर छोटी-छोटी डिटेल्स जैसे की घूमने की जगह जाने का माध्यम रुकने की जगह खाने पीने की व्यवस्था इत्यादि के बारे में भी जानकारी दी गई है।
बीकानेर में घूमने की जगह | Bikaner Me Ghumne ki Jagah
बीकानेर के बारे में रोचक तथ्य
- बीकानेर जिले का कुल मिलाकर क्षेत्रफल 27,244 किमी² है।
- 2011 के सर्वे से यह पता चलता है कि इस जिले की जनसंख्या लगभग 23,67,745 है।
- यह स्थान राजस्थान के एक नगर होने के साथ पुरानी रियासत भी था।
- बीकानेर जिले की प्रमुख फसलें हैं बाजरा, ज्वार और दलहन।
- बीकानेर में तरबूज की भी बहुत भारी मात्रा से प्लांटिंग होती है और समय के साथ साथ अनार, नींबू, अमरुद इत्यादि जैसे फलों की भी खेती बहुतायत से की जाती है।
बीकानेर में लोकप्रिय पर्यटक स्थल ( Bikaner Tourist Places in Hindi)
बीकानेर एक बहुत ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय शहर है। इस शहर के इतिहास को देखा जाएं तो यह राव बीकाजी द्वारा स्थापित किया गया है। इसकी स्थापना का समय 1488 में था। इस शहर में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक मन को जीत लेने वाले स्थान है जिनमें से कुछ जगहों के नाम हमने नीचे दी गई सूची में दिए हैं।
बीकानेर डेजर्ट
बीकानेर में घूमने की जगह की सूची में बीकानेर डेजर्ट का नाम सबसे टॉपर है। बीकानेर डेजर्ट, जो जैसलमेर से लगभग 330 किलोमीटर दूरी पर स्थित है और यह जोधपुर से 265 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बीकानेर में जैसलमेर की तरह ही थार का मरुस्थल है। जहां पर प्रकृति का एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
ऐसा माना जाता है कि बीकानेर की यात्रा राजस्थान के रेगिस्तान की त्रिकोणीय यात्रा में शामिल है। त्रिकोणीय यात्रा में बीकानेर, जेसलमेर और जोधपुर का नाम शामिल है। बीकानेर डेजर्ट में आपको कैमल सफारी और जीप सफारी का भी मौका मिलता है। यहां पर आप कैमल और जीप सफारी करके बीकानेर डेजर्ट का आनंद ले सकते हैं।
करणी माता मंदिर
करणी माता मंदिर पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है, जो राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित है। करणी माता को चूहों की माता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस मंदिर में चूहों की घनी आबादी पाई जाती है। करणी माता को देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है।
करणी मां का मंदिर सफेद संगमरमर के पत्थर से बना है, जो अद्भुत सौंदर्य प्रदान करता है। देश विदेश से पर्यटक करणी माता मंदिर घूमने के लिए जाते हैं। करणी माता मंदिर का निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने करवाया है।
यहां पर मंदिर के गेट चांदी से निर्मित किए गए हैं। ऐसा बताया जाता है, कि करणी माता के पुत्र की मृत्यु हो जाने के पश्चात करणी माता ने यमदेव से अपने पुत्र को पुनर्जीवित करने की विनती की थी। लेकिन यमदेव ने उनकी विनती को स्वीकार नहीं किया।
इसलिए करणी मां ने देवी के अवतार के रूप में अपने बच्चे को पुनः जीवित किया और साथ ही साथ एक घोषणा प्रस्तुत कर दी कि अब उनका संपूर्ण परिवार चूहों के रूप में रहेगा और इसीलिए वर्तमान में इस मंदिर में 20,000 से अधिक हुए हैं।
गजनेर अभ्यारण
राजस्थान के हर जिले में कोई न कोई अभ्यारण जरूर स्थित है। बीकानेर से लगभग 32 किलोमीटर दूर गजनेर वन्य जीव अभ्यारण जहां हजारों की संख्या में अलग-अलग प्रजाति के पशु पक्षी देखने को मिलते हैं। यहां पशुओं के साथ-साथ पक्षियों की भारी तादाद देखने को मिलती है।
आज के समय में जो गजनेर वन्य जीव अभ्यारण के नाम से जगह प्रसिद्ध है। वह पुराने जमाने में महाराजा और यहां के शासकों के लिए स्वीकार करने का एक अच्छा स्थान था। लेकिन अब यह वन्य जीव अभ्यारण के रूप में फैला हुआ है। सरकार के द्वारा इस जगह को जीवो को सुरक्षित व संरक्षण के लिए उपयोग किया जा रहा है।
गजनेर वन्य जीव अभ्यारण जहां पर आपको सफारी करने का मौका मिलता है। इस अभ्यारण में पाएं जाने वाले अलग-अलग प्रजाति के जीव जंतुओं को आप ऊठ की सफारी और जीप की सफारी करके देख सकते हैं।
जूनागढ़ किला
हमारे राजस्थान की आन बान और शान राजस्थान में स्थित किलो की वजह से ही है। बीकानेर का यह जूनागढ़ का किला राजस्थान की शान को बढ़ाएं हुए हैं। हर वर्ष लाखों की संख्या में देश और विदेश से पर्यटक यहां जूनागढ़ किला घूमने के लिए आते हैं।
इस किले की वास्तुकला और कारीगरी तारीफ़ के लायक है। यह किला बीकानेर के शहर में स्थित है और इस जिले का क्षेत्रफल काफी बड़ा है। यहां पर पूरे किले में घूमने के लिए 2 से 3 घंटे का समय आराम से लगता है। जूनागढ़ का किला जिसका निर्माण महाराजा रायसिंह ने करवाया था।
लालगढ़ पैलेस
लाल रंग का यह किला जिसे लालगढ़ पैलेस के नाम से पहचाना जाता है। यह पैलेस पूरी तरह से लाल रंग का है। इसीलिए इस पैलेस का नाम लालगढ़ पैलेस रखा गया है। बीकानेर में वर्तमान में इस पैलेस को होटल में तब्दील कर दिया गया है। लेकिन पहले के समय में बीकानेर घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए लालगढ़ पैलेस एक सबसे अच्छा टूरिस्ट प्वाइंट माना जाता था।
आज के समय में इस लालगढ़ पैलेस को होटल में बदल दिया गया है और यहां पर एक अच्छा सा गार्डन लगाया गया है। यहां आने वाले पर्यटक अपना टाइम बिता सकते हैं। गार्डन की वजह से इस पैलेस का सौंदर्य काफी मनमोहक नजर आता है।
अंतरराष्ट्रीय ऊंट मेला
अंतरराष्ट्रीय ऊंट मेला जो बीकानेर में प्रति वर्ष जनवरी महीने में मनाया जाता है। साल 2021 में यह महोत्सव 12 जनवरी से 13 जनवरी तक मनाया गया था। साल 2022 में यह महोत्सव 8 जनवरी के दिन मनाया गया। ऊंट महोत्सव राष्ट्रीय त्योहार के रूप में बीकानेर का सबसे प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय ऊंट मेला है। जहां राजस्थान के सभी राज्यों के ऊंट इस मेले में भाग लेते हैं। यहां पर राजस्थान की पुरानी कला का प्रदर्शन होता है।
इस उत्सव की शुरुआत खूबसूरत ढंग से सजाए गए ऊंटों की दौड़ के रूप में होता है। इस मेले में ऊंट के व्यापारी अपने आप को बेचने और खरीदने का काम करते हैं। दौड़ में प्रथम आने वाले और सर्वश्रेष्ठ नस्ल वाले ऊंट को यहां लाखों में खरीदा जाता है। इस महोत्सव में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या लाखों की तादाद में रहती है।
ऊंट अनुशासन सेंटर
बीकानेर में घूमने की जगह की सूची में ऊंट अनुसंधान केंद्र बीकानेर भी शामिल है। यहां पर ऊंट की अलग-अलग प्रजातियां देखने को मिलती है और अनुसंधान केंद्र जहां तीन नस्लों के कुल 230 ऊंट स्थित है।
यहां घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए ऊंटनी के दूध की आमलेट मिलते हैं। यहां पर लस्सी का भी आनंद आप उठा सकते हैं। ऊंट अनुसंधान क्षेत्र में भी ऊंट की सवारी पर्यटकों के लिए सबसे विशेष साबित हुई है।
श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर
बीकानेर में घूमने की जगह में लक्ष्मीनाथ मंदिर का नाम सबसे पहले आता है। इस मंदिर में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस मंदिर में निर्जला एकादशी जन्माष्टमी गीता जयंती दीपावली और रामनवमी को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है।
इस मंदिर में देवी देवताओं की मूर्तियां चांदी की बनी हुई है और इन मूर्तियों पर की गई कलाकारी शहर नहीं है। यहां घूमने आने वाले पर्यटक लक्ष्मीनाथ मंदिर की कलाकारी के दीवाने हो जाते हैं।
गंगा सिंह संग्रहालय
बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह के द्वारा निर्मित यह संग्रहालय जहां राजस्थान के विभिन्न खंडों की चित्रकला टेराकोटा शिल्प मिट्टी के बर्तन पुराने सिक्के कालीन और राजपूती हथियार के चित्र बने हुए हैं।
यह संग्रहालय जहां पर ऊंट की खाल के ऊपर सोने से अलग-अलग प्रकार के पत्तों की पेंटिंग बनी है। जो पर्यटकों के लिए काफी मनमोहक साबित होती है।
भांडासर जैन मन्दिर
भांडासर जैन मंदिर का नाम राजस्थान के कोने कोने में प्रसिद्ध है। देश विदेश से यहां पर पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। बीकानेर शहर में स्थित प्रसिद्ध जैन मंदिरों की सूची में एक भांडासर जैन मंदिर का नाम भी शामिल है। भांडासर जैन मंदिर की दीवारों और खंभों पर की गई चित्रकारी पर्यटकों के मन को मोह लेती है। भंडासर जैन मंदिर को पीले पत्थरों से बनाया गया है और इन पत्थरों पर की गई नक्काशी और कारीगरी काफी सहारानीय है।
भांडासर जैन मंदिर जिसका निर्माण ओसवाल नामक एक व्यापारी ने करवाया था। भांडासर जैन मंदिर की दीवारों पर 24 जैन शिक्षकों के चित्र बने हुए हैं। यह इमारत तीन मंजिला है जहां पर हर मंजिल में अलग-अलग चित्रकारी और वास्तुकला का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। इस मंदिर के तीसरे और सबसे ऊपरी मंजिल से बीकानेर शहर का एक खूबसूरत नजारा दिखाई देता है।
बीकानेर में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी सभी लोग बीकानेरी खाद्य पदार्थों के दीवाने हैं, जो भी यहां का है यहां के खास पकवान खाए बिना जान नहीं पाता। निम्नलिखित एक सूची दी गई है जिसमें बीकानेर में बनने वाले सबसे फेमस और स्वादिष्ट व्यंजनों के नाम दिए गए हैं, अगर आप कभी बीकानेर जाए तो इन व्यंजनों को खाना कभी ना भूले।
- बीकानेरी भुजिया
- राज कचोरी
- घेवर
- खस्ता
- केसर पीनी
- गट्टे की सब्जी
- रसगुल्ला
- राजस्थानी थाली
- लाल मास
- पकौड़ी
बीकानेर का सबसे लोकप्रिय खाना है भुजिया, पापड़ और नमकीन। यहां पर कई स्नैक्स जैसे समोसे कचोरी भी बहुत फेमस है और स्वादिष्ट बनाए जाते हैं। यदि भोजन की बात करें तो खाने में यहां पर सबसे ज्यादा गट्टे की सब्जी को पसंद किया जाता है, इसके साथ आपको पकौड़ी, खट्टा और दाल बाटी चूरमा भी दिया जाता है। मीठे में यहां पर घेवर और रबड़ी बहुत प्रसिद्ध है
बीकानेर में रुकने की जगह
यदि आप एक से ज्यादा दिन के लिए बीकानेर में रुकते हैं तो आपको रुकने के लिए अच्छी जगह की व्यवस्था करनी होगी। बीकानेर में रुकने के लिए कई होटल्स उपलब्ध है, जहां पर आप आसानी से अपना समय व्यक्त कर सकते हैं। आपको केवल इन होटल रूम को बुक करना होगा और आराम से कितने भी दिन वहां रुक सकते हैं।
अगर आपको अगर आपको होटल रूम में नहीं रुकना, तो आप उसके बदले किसी धर्मशाला में भी आसानी से रह सकते हैं। वहां भी आपको किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं होगी और आपका खर्चा भी कम होगा। बीकानेर में रुकने के लिए कई धर्मशालाएं मौजूद है।
बीकानेर में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
अगर आप पर्यटन के लिए जाना चाहते हैं तो अक्टूबर से फरवरी का वक्त बीकानेर में घूमने के लिए एकदम उत्तम रहेगा। यह वक्त बीकानेर में घूमने के लिए सबसे उचित रहेगा।
बीकानेर कैसे पहुंचे ( रेल, सड़क, और हवाई मार्ग)
बीकानेर पहुंचने के लिए आप कई तरह के साधनों की सहायता ले सकते हैं पहला तरीका है कि आप फ्लाइट से बीकानेर जाएं, दूसरे में आप ट्रेन से बीकानेर जा सकते हैं, तीसरे में बस से बीकानेर जा सकते हैं इनके साथ साथ यदि आप चाहे तो आप अपने बाइक से या फिर कार से या टैक्सी करके भी बीकानेर पहुंच सकते हैं। आपका साधन और उसकी स्पीड बताएंगे कि आप बीकानेर कितनी देर में पहुंचेंगे।
बीकानेर कैसे घूमे?
आप सड़क के माध्यम से बीकानेर में घूम सकते हैं या तो आप स्वयं के वाहन में घूम सकते हैं या फिर वहीं पर कोई पिक टैक्सी या फिर रिक्शा हायर करके इस शहर का लुफ्त उठा सकते हैं।
बीकानेर में घूमने का खर्चा
अगर आप कहीं भी जाते हैं तो आपको घूमने फिरने के लिए वह खाने पीने के लिए पैसों की आवश्यकता पड़ती है वैसे ही बीकानेर घूमने के लिए भी आपको थोड़ा खर्चा करना पड़ेगा, जिसके बारे में हमने यहां पर बताया है।
आपको लगभग 2000 से ₹3000 का खर्चा करना होगा, इतने पैसों में आप सरलता से यहां पर 1 दिन और एक रात बता सकते हैं। यदि आप इतना खर्चा कर ले तो आप अच्छे से अपने खाने की व्यवस्था और रहने की व्यवस्था कर पाएंगे। घूमने फिरने का भी खर्चा लगभग इसी में हो जाएगा।
बीकानेर घूमते वक्त साथ में क्या रखें?
चाहे आप बीकानेर में घूम रहे हैं या कहीं और घूम रहे हैं आपको अपने साथ पानी की बोतल हमेशा रखना चाहिए। साथ आप एक स्कार्फ भी रख सकते हैं, और यदि डायरेक्शंस होते हैं तो आप अपने साथ नक्शा भी रख ले। हालांकि आजकल हर जरूरत का सामान हर दुकान में उपलब्ध हो जाता है, परंतु फिर भी आप अपनी तैयारी से जाए वही उचित रहेगा।
FAQ
बीकानेर में ऐसे कई स्थान हैं, जिनमें से कुछ के उदाहरण है, गजनेर पैलेस, जूनागढ़ किला, लालगढ़ महल, अनुसंधान सेंटर, करणी माता मंदिर, अंतर्राष्ट्रीय ऊंट मेला, गजनेर अभ्यारण इत्यादि।
बीकानेर में बहुत सारी ऐसी खाने की चीज है जो बहुत प्रसिद्ध है जैसे घेवर, रसगुल्ले, नमकीन, भुजिया, दाल बाटी चूरमा, समोसा, कचोरी, पकौड़ी इत्यादि।
बीकानेर प्राचीन शहर है जो भारत के राजस्थान में पड़ता है।
बीकानेर शहर भ्रमण के लिए बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि यहां से आप ऐतिहासिक किलों के बारे में जानकारी व उन्हें देख सकते हैं और अलग-अलग तरह के महलों में घूम भी सकते हैं।
आप बीकानेर में बाय रोड जा सकते है, या फिर बाय प्लेन भी जा सकते हैं। बाय रोड या तो बस से जा सकते हैं, या फिर टैक्सी करके या खुद के बाइक या कार से जा सकते हैं। इसके साथ-साथ रेलवेज के थ्रू भी बीकानेर में पहुंच सकते हैं।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल की सहायता से हमने आपको बीकानेर में घूमने की जगह ( Bikaner Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित हर तरह की जानकारी के बारे में बताया। वह घूमने के साथ-साथ उस से रिलेटेड अन्य बातों की भी संपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है। यह पढ़कर आपको बीकानेर शहर के बारे में और वहां घूमने की प्रक्रिया के बारे में आइडिया क्लियर हो गया होगा।
यह भी पढ़े :
10+चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
10+अलवर में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय